दसो दिशाओं में जायें - संघ गीत (Daso Dishao Me Jaye Song Lyrics)

दसो दिशाओं में जायें दल बादल से छा जाये,
उमड़ घुमड़ कर हर धरती पर नंदनवन सा लहराएँ ॥ध्रु॥
ये मत समझो किसी क्षेत्र को खाली रह जाने देंगे।
दानवता की बेल विशैली कही नही छाने देंगे।
जहाँ कही लूझुलसाती अम्रुत रिमझिम बरसाये ॥१॥
फूल सुकोमल खेती पर हम बिजली नही गिराते है।
किंतु अडीले बालु टीले वर्षा मे ढह जाते है।
ध्वंस हमारा काम नही अविरल जीवन सरसाये ॥२॥
मानव जीवन की स्वतंत्रता नष्ट नही होने पाये।
यंत्र व्यवस्था ह्रुदयहीन मे स्वत्व नही खोने पाये।
जीवनस्तर का अर्थ न हम भोग डगर मे भरमाये ॥३॥
देश देश के जीवन दर्शन अनुभव कहता पूर्ण नही।
आदिस्रिष्टि से हिन्दु धर्म की पूर्ण धर्म उपलब्धि रहि।
ग्यान किरण फिर प्रकटाये शांती व्यवस्था समझाये ॥४॥