माँ सरस्वती वंदना - या कुन्देन्दु तुषार हारधवला (Saraswati Vandana Ya Kundendu Tushara Hara Dhavala)

Maa Saraswati Vandana Ya Kundendu Tushara Hara Dhavala Lyrics: सनातन धर्म में माँ सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है। इसलिए माँ सरस्वती की स्तुति व वंदना विभिन्न विद्यालयों और स्कूलों प्रतिदिन की जाती है। या कुन्देन्दु तुषार हारधवला - माँ सरस्वती वंदना मुख्यतया सरस्वती पूजा, बसंत पंचमी व विभिन्न विद्यालयों में गायी जाने वाली लोकप्रिय प्रार्थना है।
या कुन्देन्दु तुषार हारधवला
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा
या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा
मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां
जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने
संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥२॥
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें ॥०१॥
शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत् में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान् बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलङ्कृत, भगवती शारदा की मैं वंदना करता हूँ ॥०२॥
Ya Kundendu Lyrics Image

Ya kundendu tushar har dhawla Lyrics Image

Ya kundendu tushara lyrics with Meaning in hindi HD Image