क्या लेकर आया बंदा क्या लेकर जाएगा - चेतावनी भजन (Kya Lekar Aaya Banda Kya Lekar Jaega)

क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।
क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।
सोच समझ ले रे मन मूरख,
अंतकाल पछताएगा॥
क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।
भाई बंधु मित्र तुम्हारे,
मरघट तक संग जाएंगे।
स्वार्थ के दो आँसू देकर,
लौट के घर को आएंगे।
कोई न तेरे साथ चलेगा,
काल तुझे ले जाएगा॥
क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।
कंचन जैसी तेरी काया,
तुरत जलायी जाएगी।
जिस नारी से प्यार किया तूने,
वो भी साथ ना आएगी।
एक महीना याद करेगी,
फिर तू याद ना आएगा॥
क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।
राजा रंक पुजारी पंडित,
सबको एक दिन जाना है।
आँख खोलके देख बावरे,
जगत मुसाफिर खाना है।
पवन कहे सब पाप पुण्य ही,
अंतिम साथ निभाएगा॥
क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।
सोच समझ ले रे मन मूरख,
अंतकाल पछताएगा॥
क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा।