श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् - अवन्तिकायां विहितावतारं (Mahakaleshwar Jyotirling Stotram - Awantikayam Vihitawataram)

अवन्तिकायां विहितावतारं
मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्योः
परिरक्षणार्थं
वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥
जो भगवान् शंकर संतजनों को मोक्ष प्रदान करने के लिए अवन्तिकापुरी उज्जैन में अवतार धारण किए हैं, अकाल मृत्यु से बचने के लिए उन देवों के भी देव महाकाल नाम से विख्यात महादेव जी को मैं नमस्कार करता हूँ।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: पुराणों के अनुसार, उज्जैन शहर को अवंतिका कहा जाता था और यह अपनी सुंदरता और भक्ति के केंद्र के रूप में अपनी स्थिति के लिए प्रसिद्ध था। यह उन प्राथमिक शहरों में से एक था जहाँ छात्र पवित्र ग्रंथों का अध्ययन करने जाते थे।
भगवान शिव ने यहां दूषण नामक राक्षस का वध कर अपने भक्तों की रक्षा की थी, जिसके बाद भक्तों के निवेदन के बाद भोलेबाबा यहां विराजमान हुए थे। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है।
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श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् - अवन्तिकायां विहितावतारं हिन्दी अर्थ सहित

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् एचडी इमेज हिन्दी अर्थ सहित

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