कहीं राम लिख दिया है कहीं श्याम लिख दिया है - भजन (Kahi Ram Likh Diya Hai Kahi Shyam Likh Diya Hai)

कहीं राम लिख दिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है।
साँसों के हर सिरे पर,
तेरा नाम लिख लिया है।
कहीं राम लिख दिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है॥
सीता हरण में रावण,
संग कितकी लड़ाई।
जब गिर गया जटायूं,
तब याद प्रभु की आई।
हिस्से में उसके प्रभु ने,
निज धाम लिख दिया है।
कहीं राम लिख लिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है॥
पहुँचे दुखी सुदामा,
सुखधाम के द्वारे।
घनश्याम रो दिए थे,
जब दीनता निहारे।
क्षण भर में एक दुखी को,
धन धाम लिख दिया है।
कहीं राम लिख लिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है॥
शबरी को क्या पता था,
क्या चीज है तपस्या।
बस राम राम कहकर,
हल कर दी सब समस्या।
देकर बिदाई प्रभु ने,
विश्राम लिख दिया है।
कहीं राम लिख लिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है॥
कहीं राम लिख दिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है।
साँसों के हर सिरे पर,
तेरा नाम लिख लिया है।
कहीं राम लिख दिया है,
कहीं श्याम लिख दिया है॥
फिल्मी तर्ज - तुझे भूलना तो चाहा लेकिन भुला ना पाये