बगलामुखी माता आरती: जय जय श्री बगलामुखी माता (Bagalamukhi Mata Aarti)

Bagalamukhi Mata Aarti - Jay Jay Shri Baglamukhi Mata Aarti Lyrics

बगलामुखी माता की आरती विशेष रूप से अमावस्या, गुप्त नवरात्रि, बगलामुखी जयंती और शत्रु नाश या न्यायिक मामलों में विजय की कामना के लिए की जाती है। यह आरती साधक द्वारा तंत्र साधना, वाक्-सिद्धि और शत्रु बाधा निवारण हेतु भी की जाती है। 

श्री बगलामुखी माता जी की आरती

जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरति करहुँ तुम्हारी।
पीत वसन तन पर तव सोहै,
कुण्डल की छबि न्यारी॥
कर-कमलों में मुद्गर धारै,
अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

चम्पक माल गले लहरावे,
सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

पालत हरत सृजत तुम जग को,
सब जीवन की हो रखवारी॥
मोह निशा में भ्रमत सकल जन,
करहु हृदय महँ, तुम उजियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही हो असुरारी॥
सन्तन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण पियारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

तव चरणन जो ध्यान लगावै,
ताको हो सब भव-भयहारी॥
प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते नर मोक्षधाम अधिकारी॥
जय जय श्री बगलामुखी माता..

॥ दोहा ॥

बगलामुखी की आरती,
पढ़ै सुनै जो कोय।
विनती कुलपति मिश्र की,
सुख-सम्पति सब होय ॥

Maa Baglamukhi Aarti Image

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Full Maa Baglamukhi Aarti Image in Hindi

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