हे जन्म भूमि भारत, हे कर्म भूमि भारत - संघ गीत (He Janmabhoomi Bharat, He Karmbhoomi Bharat)

He Janmabhoomi Bharat, He Karmbhoomi Bharat Lyrics in Hindi

हे जन्म भूमि भारत, हे कर्म भूमि भारत,
हे जन्म भूमि भारत, हे कर्म भूमि भारत।

हे वंदनीय भारत, अभिनंदनीय भारत !!
जीवन सुमन चढ़ाकर आराधना करेंगे,
तेरी जनम जनम भर हम वंदना करेंगे॥०१॥
हम अर्चना करेंगे…

महिमा महान तू है, गौरव निधान तू है।
तू प्राण है हमारी, जननी समान तू है।
तेरे लिये जियेंगे, तेरे लिये मरेंगे।
तेरे लिये जनम भर, हम साधना करेंगे॥०२॥
हम अर्चना करेंगे…

जिसका मुकुट हिमालय, जग जगमगा रहा है।
सागर जिसे रतन की, अंजलि चढ़ा रहा है।
वह देश है हमारा, ललकार कर कहेंगे।
उस देश के बिना हम, जीवित नही रहेंगे॥०३॥
हम अर्चना करेंगे…

जो संस्कृति अभी तक दुर्जेय सी बनी है।
जिसका विशाल मंदिर, आदर्श का धनी है।
उसकी विजय-ध्वजा ले हम विश्व में चलेंगे।
सुर संस्कृति पवन बन हर कुंज में बहेंगे॥०४॥
हम अर्चना करेंगे…

शाश्वत स्वतंत्रता का, जो दीप जल रहा है।
आलोक का पथिक जो, अविराम चल रहा है।
विश्वास है कि पल भर, रूकने उसे न देंगे।
उस दीप की शिखा को, ज्योतित सदा रखेंगे॥०५॥
हम अर्चना करेंगे...

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He Janmabhoomi Bharat, He Karmbhoomi Bharat
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