श्री धूमावती अष्टोत्तर शतनामावली हिन्दी में (Sri Dhumavati Ashtottara Shatanamavali)

धूमावती देवी दस महाविद्याओं में सातवें स्थान पर विराजमान हैं, जिनकी साधना से शत्रुओं का नाश और भय का अंत होता है। ऐसी मान्यता है कि इनकी अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करने से साधक के सभी शत्रु जड़ से नष्ट हो जाते हैं और जीवन भय मुक्त बनता है।
धूमावती अष्टोत्तर शतनामावली
ॐ धूमावत्यै नमः।
ॐ धूम्रवर्णायै नमः।
ॐ धूम्रपानपरायणायै नमः।
ॐ धूम्राक्षमथिन्यै नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ धन्यस्थाननिवासिन्यै नमः।
ॐ अघोराचारसन्तुष्टायै नमः।
ॐ अघोराचारमण्डितायै नमः।
ॐ अघोरमन्त्रसम्प्रीतायै नमः।
ॐ अघोरमन्त्रपूजितायै नमः॥१०॥
ॐ अट्टाट्टहासनिरतायै नमः।
ॐ मलिनाम्बरधारिण्यै नमः।
ॐ वृद्धायै नमः।
ॐ विरूपायै नमः।
ॐ विधवायै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विरलद्विजायै नमः।
ॐ प्रवृद्धघोणायै नमः।
ॐ कुमुख्यै नमः।
ॐ कुटिलायै नमः॥२०॥
ॐ कुटिलेक्षणायै नमः।
ॐ कराल्यै नमः।
ॐ करालास्यायै नमः।
ॐ कङ्काल्यै नमः।
ॐ शूर्पधारिण्यै नमः।
ॐ काकध्वजरथारूढायै नमः।
ॐ केवलायै नमः।
ॐ कठिनायै नमः।
ॐ कुह्वै नमः।
ॐ क्षुत्पिपासार्दितायै नमः॥३०॥
ॐ नित्यायै नमः।
ॐ ललज्जिह्वायै नमः।
ॐ दिगम्बर्यै नमः।
ॐ दीर्घोदर्यै नमः।
ॐ दीर्घरवायै नमः।
ॐ दीर्घाङ्ग्यै नमः।
ॐ दीर्घमस्तकायै नमः।
ॐ विमुक्तकुन्तलायै नमः।
ॐ कीर्त्यायै नमः।
ॐ कैलासस्थानवासिन्यै नमः॥४०॥
ॐ क्रूरायै नमः।
ॐ कालस्वरूपायै नमः।
ॐ कालचक्रप्रवर्तिन्यै नमः।
ॐ विवर्णायै नमः।
ॐ चञ्चलायै नमः।
ॐ दुष्टायै नमः।
ॐ दुष्टविध्वंसकारिण्यै नमः।
ॐ चण्ड्यै नमः।
ॐ चण्डस्वरूपायै नमः।
ॐ चामुण्डायै नमः॥५०॥
ॐ चण्डनिःस्वनायै नमः।
ॐ चण्डवेगायै नमः।
ॐ चण्डगत्यै नमः।
ॐ चण्डविनाशिन्यै नमः।
ॐ मुण्डविनाशिन्यै नमः।
ॐ चाण्डालिन्यै नमः।
ॐ चित्ररेखायै नमः।
ॐ चित्राङ्ग्यै नमः।
ॐ चित्ररूपिण्यै नमः।
ॐ कृष्णायै नमः॥६०॥
ॐ कपर्दिन्यै नमः।
ॐ कुल्लायै नमः।
ॐ कृष्णरूपायै नमः।
ॐ क्रियावत्यै नमः।
ॐ कुम्भस्तन्यै नमः।
ॐ महोन्मत्तायै नमः।
ॐ मदिरापानविह्वलायै नमः।
ॐ चतुर्भुजायै नमः।
ॐ ललज्जिह्वायै नमः।
ॐ शत्रुसंहारकारिण्यै नमः॥७०॥
ॐ शवारूढायै नमः।
ॐ शवगतायै नमः।
ॐ श्मशानस्थानवासिन्यै नमः।
ॐ दुराराध्यायै नमः।
ॐ दुराचारायै नमः।
ॐ दुर्जनप्रीतिदायिन्यै नमः।
ॐ निर्मांसायै नमः।
ॐ निराकारायै नमः।
ॐ धूमहस्तायै नमः।
ॐ वरान्वितायै नमः॥८०॥
ॐ कलहायै नमः।
ॐ कलिप्रीतायै नमः।
ॐ कलिकल्मषनाशिन्यै नमः।
ॐ महाकालस्वरूपायै नमः।
ॐ महाकालप्रपूजितायै नमः।
ॐ महादेवप्रियायै नमः।
ॐ मेधायै नमः।
ॐ महासङ्कटनाशिन्यै नमः।
ॐ भक्तप्रियायै नमः।
ॐ भक्तगत्यै नमः॥९०॥
ॐ भक्तशत्रुविनाशिन्यै नमः।
ॐ भैरव्यै नमः।
ॐ भुवनायै नमः।
ॐ भीमायै नमः।
ॐ भारत्यै नमः।
ॐ भुवनात्मिकायै नमः।
ॐ भेरूण्डायै नमः।
ॐ भीमनयनायै नमः।
ॐ त्रिनेत्रायै नमः।
ॐ बहुरूपिण्यै नमः॥१००॥
ॐ त्रिलोकेश्यै नमः।
ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।
ॐ त्रिस्वरूपायै नमः।
ॐ त्रयीतनवे नमः।
ॐ त्रिमूर्त्यै नमः।
ॐ तन्व्यै नमः।
ॐ त्रिशक्त्यै नमः।
ॐ त्रिशूलिन्यै नमः॥१०८॥
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हिन्दी नाम
माँ धूमावती के 108 नाम हिन्दी अर्थ सहित
धूमावती – धुएँ के समान स्वरूप वाली।
धूम्रवर्णा – धूसर (धुएँ जैसे) रंग वाली।
धूम्रपानपरायणा – धुआँ पीने में तत्पर।
धूम्राक्षमथिनी – धुएँ से आँखों वाली।
धन्या – पवित्र व कल्याणकारी।
धन्यस्थाननिवासिनी – पवित्र स्थानों में वास करने वाली।
अघोराचारसन्तुष्टा – अघोर साधना से प्रसन्न।
अघोराचारमण्डिता – अघोर मार्ग से अलंकृत।
अघोरमन्त्रसम्प्रीता – अघोर मंत्रों से आनंदित।
अघोरमन्त्रपूजिता – अघोर मंत्रों द्वारा पूजित।
अट्टाट्टहासनिरता – गर्जनापूर्ण हँसी वाली।
मलिनाम्बरधारिणी – मैले वस्त्र धारण करने वाली।
वृद्धा – वृद्ध (प्राचीन) स्वरूपा।
विरूपा – अद्भुत व भयानक रूप वाली।
विधवा – विधवा का रूप धारिणी।
विद्या – ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी।
विरलद्विजा – दुर्लभ ब्राह्मणी स्वरूपा।
प्रवृद्धघोणा – लंबी नाक वाली।
कुमुखी – विकृत मुख वाली।
कुटिला – कठोर व कपटी स्वभाव वाली।
कुटिलेक्षणा – तिरछी दृष्टि वाली।
कराली – भयानक रूप धारिणी।
करालास्या – विशाल व विकराल मुख वाली।
कङ्काली – कंकालों से अलंकृत।
शूर्पधारिणी – सूप (फटकनी) धारण करने वाली।
काकध्वजरथारूढा – कौए के ध्वज वाले रथ पर सवार।
केवला – निर्लिप्त व एकांतप्रिय।
कठिना – कठोर हृदय वाली।
कुह्व – गुप्त रूप से विचरण करने वाली।
क्षुत्पिपासार्दिता – भूख-प्यास से पीड़ित।
नित्या – शाश्वत व अविनाशी।
ललज्जिह्वा – लंबी व लपलपाती जीभ वाली।
दिगम्बरी – नग्न अवस्था में विचरने वाली।
दीर्घोदरी – लंबे उदर (पेट) वाली।
दीर्घरवा – भयानक आवाज़ निकालने वाली।
दीर्घाङ्गी – लंबे अंगों वाली।
दीर्घमस्तका – लंबे सिर वाली।
विमुक्तकुन्तला – बिखरे केशों वाली।
कीर्त्या – यशस्वी व प्रसिद्ध।
कैलासस्थानवासिनी – कैलाश पर्वत पर निवासिनी।
क्रूरा – निर्दयी व कठोर।
कालस्वरूपा – मृत्यु के समान स्वरूप वाली।
कालचक्रप्रवर्तिनी – समय के चक्र को संचालित करने वाली।
विवर्णा – विचित्र वर्ण (रंग) वाली।
चञ्चला – अस्थिर व चंचल।
दुष्टा – दुष्टों को दंड देने वाली।
दुष्टविध्वंसकारिणी – दुष्टों का विनाश करने वाली।
चण्डी – क्रोधित व उग्र स्वभाव वाली।
चण्डस्वरूपा – भयंकर रूप धारिणी।
चामुण्डा – चण्ड-मुण्ड राक्षसों का वध करने वाली।
चण्डनिःस्वनायै – भयानक आवाज़ वाली।
चण्डवेगा – तीव्र गति वाली।
चण्डगति – प्रचंड वेग से चलने वाली।
चण्डविनाशिनी – उग्रता का नाश करने वाली।
मुण्डविनाशिनी – मुण्ड नामक राक्षस का वध करने वाली।
चाण्डालिनी – चांडाल समाज की अधिष्ठात्री।
चित्ररेखा – अद्भुत रेखाओं वाली।
चित्राङ्गी – चित्ताकर्षक अंगों वाली।
चित्ररूपिणी – विचित्र रूप धारिणी।
कृष्णा – काली (गहरे रंग) वाली।
कपर्दिनी – जटाधारिणी।
कुल्ला – जल से संबंधित।
कृष्णरूपा – काले रंग की स्वरूपा।
क्रियावती – कर्मठ व सक्रिय।
कुम्भस्तनी – घड़े जैने स्तन वाली।
महोन्मत्ता – महान उन्मादी स्वभाव वाली।
मदिरापानविह्वला – मदिरापान से मत्त।
चतुर्भुजा – चार भुजाओं वाली।
ललज्जिह्वा – लंबी व लपलपाती जीभ वाली।
शत्रुसंहारकारिणी – शत्रुओं का संहार करने वाली।
शवारूढा – शव (मृत शरीर) पर सवार।
शवगता – शव में निवास करने वाली।
श्मशानस्थानवासिनी – श्मशान में निवासिनी।
दुराराध्या – कठिनता से प्रसन्न होने वाली।
दुराचारा – कठिन आचरण वाली।
दुर्जनप्रीतिदायिनी – दुर्जनों को प्रसन्न करने वाली।
निर्मांसा – मांसहीन (कंकाल स्वरूप)।
निराकारा – निराकार (अरूप) स्वरूपा।
धूमहस्ता – हाथ में धुआँ धारण करने वाली।
वरान्विता – वरदान देने वाली।
कलहा – कलह (झगड़ा) उत्पन्न करने वाली।
कलिप्रीता – कलियुग में प्रिय।
कलिकल्मषनाशिनी – कलियुग के पापों का नाश करने वाली।
महाकालस्वरूपा – महाकाल (शिव) के समान स्वरूप वाली।
महाकालप्रपूजिता – महाकाल द्वारा पूजित।
महादेवप्रिया – शिव की प्रिय।
मेधा – बुद्धि की देवी।
महासङ्कटनाशिनी – महान संकटों को हरने वाली।
भक्तप्रिया – भक्तों को प्रिय।
भक्तगति – भक्तों को मोक्ष प्रदान करने वाली।
भक्तशत्रुविनाशिनी – भक्तों के शत्रुओं का नाश करने वाली।
भैरवी – भैरव की शक्ति।
भुवना – समस्त विश्व की स्वामिनी।
भीमा – भयानक स्वरूप वाली।
भारती – वाणी की देवी।
भुवनात्मिका – ब्रह्मांड की आत्मा।
भेरूण्डा – अत्यंत भयानक।
भीमनयना – भयानक नेत्रों वाली।
त्रिनेत्रा – तीन नेत्रों वाली।
बहुरूपिणी – अनेक रूप धारण करने वाली।
त्रिलोकेशी – तीनों लोकों की स्वामिनी।
त्रिकालज्ञा – तीनों कालों को जानने वाली।
त्रिस्वरूपा – तीन रूपों वाली (ब्रह्मा, विष्णु, महेश)।
त्रयीतनवे – वेदों की रक्षिका।
त्रिमूर्ति – त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की शक्ति।
तन्वी – सुंदर व कृशकाया।
त्रिशक्ति – तीनों शक्तियों (इच्छा, ज्ञान, क्रिया) की अधिष्ठात्री।
त्रिशूलिनी – त्रिशूल धारण करने वाली।