श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी - भजन (Shri Krishna Govind Hare Murari)

सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे,
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
***
बंदी गृह के, तुम अवतारी।
कही जन्मे, कही पले मुरारी॥
किसी के जाये, किसी के कहाये।
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे।
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
***
अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे।
बट गए दोनों में, आधे आधे॥
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल।
सदैव भक्तों के, काम साधे॥
सदैव भक्तों के, काम साधे॥
वही गए... वही गए...
वही गए, जहाँ गए पुकारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
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गीता में उपदेश सुनाया,
तुमने सोया विश्व जगाया।
फल इच्छा से रहित कर्म को,
हर मानव का धरम बताया॥
हर मानव का धरम बताया॥
रहेंगे हम सब ऋणी तुम्हारे,
रहेंगे हम सब ऋणी तुम्हारे॥
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
पितु मात स्वामी, सखा हमारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
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राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥