भटकता मन है मोहन, अब तो राह दिखाओ - भजन (Bhatakta Man Hai Mohan Lyrics)

Bhatakta Man Hai Mohan, Ab To Raah Dikhao Lyrics

भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।
भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।
चरणों में दे दो आश्रय,
मुझे पास बुलाओ॥

भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।
भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।

मन मेरा है बंजारा,
तू ही एक किनारा।
भूलें मेरी माफ़ 
हो,
बस तेरा नाम हमारा॥
कृपा की रेख खींचो,
अब तो द्वार दिखाओ।

भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।
भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।

अंधेरे दिल के छाए,
नयनन में नीर समाए।
संघर्षों से टूटा मन,
अब तुझसे आस लगाए॥
छू ले तू विश्वास से,
जीवन रूप सँवारो।

भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।
भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।

मुरली की वो मधुरता,
है जैसे प्राण हमारा।
तेरे बिना अधूरी,
लगे हर एक दुवारा॥
रस बरसे प्रेम तेरा,
मन को रंग लगाओ।

भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।
भटकता मन है मोहन,
अब तो राह दिखाओ।

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