जानकी माता आरती: आरती कीजै श्रीजनक लली की (Janaki Mata Ki Aarti - Aarti Kijai Shri Janak Lali Ki)

"आरती कीजै श्री जनक लली की" देवी जानकी की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है, जिसे माता सीता से जुड़े त्यौहारों व पर्वों पर गायी जाती है। यह आरती विशेष रूप से सीता नवमी, विवाह पंचमी, रामनवमी, नवरात्रों तथा अन्य पूजाओं में माता सीता के भक्तों द्वारा की जाती है।
जानकी माता की आरती
आरती कीजै श्रीजनक लली की।
राममधुपमन कमल कली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी।
अन्तर साँवर बाहर गोरी।
सकल सुमन्गल सुफल फली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी,
पीय प्रेम रस-राशि किशोरी।
पिय मन गति विश्राम थली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
रूप-रास गुननिधि जग स्वामिनि,
प्रेम प्रवीन राम अभिरामिनि।
सरबस धन हरिचन्द अली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
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