सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात -भजन (Sunalyo Sunalyo Ji Kanuda Mhari Bat)

सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।

सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।
बातड़ली कान्हा बातड़ली,
बातड़ली कान्हा बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।

महला आगे मैं खड़ी झाला देऊं हाथ,
नज़र हटाई खड्यो कानुड़ा सुने ना कोई बात।

सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।

आँगन पुष्प बिछाई के केसर रंग भराय,
आज आवेला सांवरिया मैं बैठी आस लगाय।

सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।

चन्दन तिलक लगावस्यूं माखन मिश्री खिलाय,
छोटू अरज़ सुनो प्रभु मोरी दरस देवो घर आय।

सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।
बातड़ली कान्हा बातड़ली,
बातड़ली कान्हा बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली,
सुणल्यो सुणल्यो जी कानुड़ा म्हारी बात,
सुनाऊँ थाने बातड़ली।

Sunalyo Sunalyo Ji Kanuda Mhari Bat
Next Post Previous Post
Comments 💬
WhatsApp Channel  Join Now
Telegram Channel  Join Now