मैं बालक तू माता शेरा वालिए -भजन (Main Balak Tu Mata Sheranwaliye)

मैं बालक तू माता शेरा वालिए,
है अटूट यह नाता शेरा वालिए।
शेरा वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योता वालिये माँ ॥

मैं बालक तू माता शेरा वालिए...॥

तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार मिला है।
तेरे आँचल की छाया में मन का फूल खिला है।
तूने बुद्धि, तूने साहस, तूने ज्ञान दिया
मस्तक ऊँचा करके जीने का वरदान दिया माँ।

तू है भाग्य विधाता शेरा वालिए,
मैं बालक तू माता शेरा वालिए॥
मैं बालक तू माता शेरा वालिए...॥

जब से दो नैनो में तेरी पावन ज्योत समायी,
मंदिर मंदिर तेरी मूरत देने लगी दिखाई।
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी डाल दिया है डेरा,
निशदिन करे जो तेरी सेवा, मैं वो दास हूँ तेरा।

रहूँ तेरे गुण गाता शेरा वालिए,
मैं बालक तू माता शेरा वालिए ॥

शेरा वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योता वालिये माँ ॥

मैं बालक तू माता शेरा वालिए,
है अटूट यह नाता शेरा वालिए ।
शेरा वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योता वालिये माँ॥

Main Balak Tu Mata Sheranwaliye
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